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क्या यूपी को निवेशकों का ‘गुजरात’ बना पाएंगे बुलडोजर बाबा, योगी आदित्यनाथ का वैश्विक प्लान समझिए

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UP Global Investors Summit 2023: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यूपी में निवेश लाने के लिए जीतोड़ प्रयास कर रही है। इसी क्रम में अब यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का ऐलान किया गया है।

  • यूपी में निवेश लाने के लिए योगी सरकार ने झोंकी पूरी ताकत
  • यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से 10 लाख करोड़ के निवेश जुटाने का लक्ष्य
  • विश्व के 18 देशों में रोड शो का प्लान, प्रदेश में कारोबारी माहौल सुधारने का दावा

लखनऊ: 2017 में योगी आदित्यनाथ ने जब यूपी की सत्ता संभाली तब उनकी छवि एक कट्‌टर हिंदूवादी नेता की थी। वह गोरक्षपीठ के मठाधीश थे। तमाम राजनीतिक विश्लेषकों ने योगी आदित्यनाथ के चयन के पीछे सिर्फ हिंदुत्व एजेंडे को ही आधार माना। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही विश्लेषकों को चौंकाना शुरू कर दिया। उन्होंने हिंदुत्व का रास्ता छोड़ा नहीं लेकिन साथ ही शासन-प्रशासन में भी अपनी छाप छोड़नी शुरू कर दी। पहली बार ऐसा देखने को मिला जब कोई सरकार खुलेआम पुलिस एनकाउंटर को एक तमगे की तरह पेश करने लगी। मुख्यमंत्री के तौर पर योगी ने खुलकर कहा कि कानून तोड़ने वालों को या जेल भेजा जाएगा या जहन्नुम।

यही कारण है कि पिछले पांच सालों में पुलिस एनकाउंटर में 168 इनामी बदमाश मारे जा चुके हैं। दावा है कि इनमें से 160 अपराधियों पर पुलिस की ओर से 75 हजार से 5 लाख रुपये तक के ईनाम घोषित थे। वैसे यूपी मतें अपराधियों, माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ पुलिस एनकाउंटर तक ही सीमित नहीं रही। अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए योगी ने बदमाशों को आर्थिक चोट देने का रास्ता निकाला और यही कारण रहा कि प्रदेश में इतनी जगह बुलडोजर चले कि योगी आदित्यनाथ का दूसरा नाम ही ‘बुलडोजर बाबा’ पड़ गया।

लेकिन कानून व्यवस्था के मोर्चे पर सफल योगी के लिए अभी भी सबसे बड़ी चुनौती उत्तर प्रदेश में निवेश लाना ही है। योगी लगातार यूपी में निवेश लाने की कोशिश कर रहे हैं। केंद्र की मोदी सरकार भी भरपूर सहयोग कर रही है। यूपी इन्वेस्टर्स समिट से लेकर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का बड़ा आयोजन देख चुका है। यही नहीं यूपी में डिफेंस कॉरिडोर भी बन रहा है। प्रदेश में चौतरफा निवेश और लोकल बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट योजना की भी काफी प्रशंसा की जा रही है। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद ऐसा कोई निवेश यूपी में नहीं आ सका है, जो योगी सरकार की उपलब्धियों का चेहरा बन सके। ज्यादातर निवेशक दिल्ली से सटे नोएडा, ग्रेटर नोएडा आदि में ही इच्छुक दिखाई दे रहे हैं। प्रदेश के बाकी जिलों में निवेशक लाना अभी भी चुनौती है। हालांकि इस बीच कई जगह कुछ छिटपुट निवेश जरूर हुए हैं।

लेकिन योगी आदित्यनाथ ने हार नहीं मानी है। वह देश ही नहीं दुनियाभर के निवेशकों को को लुभाने की रणनीति पर काम शुरू कर चुके हैं। इसी क्रम में अब उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के आयोजन की औपचारिक घोषणा कर दी गई है। इसका आयोजन 10 से 12 फरवरी, 2023 तक लखनऊ में होगा। ये आयोजन इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि इसके माध्यम से मुख्यमंत्री ने यूपी में 10 लाख करोड़ रुपये के वैश्विक निवेश का लक्ष्य रखा है।

लक्ष्य हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहे योगी
खुद मुख्यमंत्री ने बताया है कि इस समिट के आयोजन के लिए 21 देशों ने सकारात्मक रुख दिखाया है। इसमें भी नीदरलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम और मॉरीशस ऐसे देश हैं, जो यूपी सरकार के साथ पार्टनर कंट्री के रूप में इसमें शिरकत करेंगे। यही नहीं निवेशकों से सीधे संपर्क के लिए योगी सरकार ने पहली बार विदेशों में रोड शो की तैयारी भी कर रखी है। योगी सरकार विश्वक के प्रमुख 18 देशों के अलावा देश में 7 प्रमुख नगरों में रोड-शो कर रही है। योगी लगातार बता रहे हैं कि उन्होंने यूपी में कारोबारी माहौल देने के लिए बड़े सुधार किए हैं। हाल के वर्षों में ही प्रदेश में प्रशासनिक स्तर पर निवेशकों के लिए बेहतर माहौल बनाया गया है, वहीं विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है।

निवेशकों से जुड़ी हर जानकारी, समस्या के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम ‘निवेश सारथी’ विकसित किया है। नई औद्योगिक नीति और सेक्टोरल पॉलिसी बनाई गई है। यही नहीं यूपी सरकार ने आईटी/आईटीईएस, डेटा सेंटर, ईएसडीएम, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एमएसएमई आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए लगभग 25 नीतियों को तैयार किया है।

भारत के विकास की नई कहानी लिखेगा यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट: नंद गोपाल नंदी
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ कहते हैं कि लखनऊ में इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से हम उत्तर प्रदेश में व्यापार के असीम अवसरों को प्रदर्शित करेंगे तथा भारत के विकास की एक नई कहानी लिखने में हमारे साथ सहयोग करने के लिए वैश्विक व्यापारिक समुदाय के लिए एक मंच तैयार करेंगे। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में बीते साढ़े 5 वर्ष में उत्तर प्रदेश ने ‘उत्तम प्रदेश’ के रूप में नई पहचान बनाई है,और अब ‘सर्वोत्तम प्रदेश’ बनने की ओर अग्रसर है।

वैसे योगी सरकार तीन अहम बिंदुओं पर सबसे ज्यादा जोर देकर निवेशकों को लुभाने की कोशिश कर रही है। इनमें सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क, यूपी में एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे का जाल और तमाम प्रमुख शहरों में एयरपोर्ट की सुविधा शामिल है। जाहिर है योगी सरकार की कोशिश तो काफी कर रही है, अब देखना ये होगा कि यूपी में निवेश कितना आ पाता है?

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