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पूरी रात संसद परिसर में धरना देंगे 8 सांसद, 18 विपक्षी पार्टियों की राष्ट्रपति को चिट्ठी, कृषि बिलों पर साइन न करने की अपील की – THE INDIA LIVE Skip to content
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पूरी रात संसद परिसर में धरना देंगे 8 सांसद, 18 विपक्षी पार्टियों की राष्ट्रपति को चिट्ठी, कृषि बिलों पर साइन न करने की अपील की

रायबरेली से ब्यूरो चीफ,अर्जुन मिश्रा की रिपोर्ट

22/09/2020 10:02 PM Total Views: 11653

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा से पूरे सत्र के लिए निलंबित किए गए आठ विपक्षी सांसद पूरी रात धरना देंगे। निलंबित सांसदों में डेरेक ओ’ब्रायन, राजीव सातव, संजय सिंह, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और इलामारन करीम है। ये सभी संसद परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के पास धरना दे रहे हैं। दरअसल, राज्यसभा में कल कृषि से जुड़े दो विधेयकों के पारित होने के दौरान विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया था। टीएमसी सांसद ने रूल बुक फाड़ दी थी, उपसभापति का माइक भी तोड़ दिया गया था। सांसदों की इन हरकतों से सभापति नायडू काफी नाराज हैं, इसी के चलते आज उन्होंने एक्शन लिया है।

24 सितंबर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा
उधर, कांग्रेस ने इन बिलों के विरोध में 24 सितंबर से राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रजातंत्र का गला घोंटा जा रहा है। पहले नोटबंदी से व्यापार बंदी और अब कृषि बिलों से खेत बंदी की जा रही है। हमने जन आंदोलन की तैयारी कर ली है। अगले 72 घंटे में कांग्रेस राज्यों में और फिर राजभवन के सामने प्रदर्शन करेगी। सुरजेवाला ने कहा, ‘2 अक्टूबर को हमारे सारे नेता बाकायदा धरना प्रदर्शन करेंगे और इस काले कानून के खिलाफ ज्ञापन देंगे। 10 अक्टूबर को बड़ा आंदोलन बुलाया जाएगा। 31 अक्टूबर को कांग्रेस के साथी गांव-गांव जाएंगे और किसान विरोधी कानून के खिलाफ दो करोड़ किसानों से मिलेंगे। 14 नवंबर को हम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे।’

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18 पार्टियों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा
वहीं कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, एसपी समेत 18 पार्टियों ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा। इसमें कृषि बिल मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार इन बिलों के जरिए देश में अपना एजेंडा लागू करना चाहती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘8 सांसदों को निलंबित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। ये सरकार के तानाशाही रवैये को दिखाता है। इससे यह भी पता चलता है कि सरकार का लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं है। हम फासिस्ट सरकार के खिलाफ संसद और सड़क पर लड़ते रहेंगे।’

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राज्यसभा में कुछ सांसदों का जबरदस्त हंगामा
गौरतलब है कि, रविवार को कृषि से जुड़े विधेयकों पर बहस के दौरान राज्यसभा में कुछ सांसदों ने जबरदस्त हंगामा किया था। हंगामे के बीच ही दो कृषि विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिए गए। विपक्षी दलों के हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता एवं कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 पारित हुआ। लोकसभा में इन दोनों विधेयकों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।

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